देश में दीवाली की धूम, बच्चे-बूढ़े सब दिखे उत्सुक.


दीवाली : आज देश में खुशियों का महापर्व दीवाली की धूम है. बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी उत्सुक है. कार्तिक मास की अमावस्या को मनाए जाने वाले इस पर्व का दूसरा नाम दीपावली भी है. दीप + आवली = दीपावली. आवली का अर्थ है कतार यानी दीपावली का अर्थ दीपों के कतार से है.


दीपावली के शुभ अवसर पर कतारबद्ध दीपों से निकले प्रकाशपुंज अन्धकार पर प्रकाश के विजय के घोतक हैं. अन्धकार रूपी अधर्म पर प्रकाश रूपी धर्म के विजय के प्रतीक ये जलते दिए प्रभु श्रीराम का अभिनंदन करते हैं. 

माता सीता, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सहित भाई लक्ष्मण के पावन आगमन पर मनाया जाने वाला पर्व लोगों का मन खुशियों से भर देता है. 



आज सुबह से ही लोग उत्सुक दिखे. पर्व को लेकर कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो गई थी. बच्चों के पूजा दीवाली बनकर तैयार हो गए थे. कंदील बना लिए गए थे. घरों की सफाई, रंगाई, पोताई की जा चुकी थी. 

बस इंतजार था आज संध्या का वक्त होने का. जैसे ही भगवान सूर्य अपनी लालिमा को छुपाए, लोग दीप प्रज्वलित करने लगे. पटाखे छोड़े जाने लगे. मधुर संगीत बजने लगे. सभी लोग खुशी के मारे झूम उठे.


 
इस दीपोत्सव का जोरदार स्वागत किया गया. मंदिरों के दरवाजे दीपों से सज गए. घर-द्वार, आंगन सभी जगह जगमगाने लगे. स्वर्ग की छठा भू पर दिखने लगी.  


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