नई दिल्ली : देश में कृषि कानून को लेकर किसानों में नाराजगी का माहौल है. किसानों का आंदोलन जारी है. गौरतलब है कि देश में किसानों द्वारा 8 दिसंबर को कियेे गए भारत बंद कृषि कानून विरोध का मिलाजुला असर दिखा.
मंगलवार को किसान नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर अपनी बात रखी, लेकिन 2 घंटे चली मुलाकात में कोई ठोस हल नहीं निकल पाया. सरकार द्वारा बुधवार को प्रस्ताव जारी करने की बात कही गई.
किसान नेताओं ने बताया कि सरकार द्वारा 9 दिसंबर को प्रस्ताव जारी किया जाएगा. उसके बाद हमलोग सिंधु बॉर्डर पर बैठक करेंगे ताकि प्रस्ताव पर विचार किया जा सके. बैठक में किसानों के सहमति उपरांत ही पता चलेगा कि आगे क्या करना है.
कृषि कानून पर सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने ठुकराया.
आज सिंधु बॉर्डर पर 40 किसान संगठनों का बैठक हुआ. जिसमें से 13 कल गृह मंत्री अमित शाह के मीटिंग में शामिल थे. किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. किसानों का कहना है कि आंदोलन और भी तेज किया जाएगा.
सरकार द्वारा कृषि कानून संबंधी प्रस्ताव में MSP जारी रखने, APMC को मजबूत करने, प्राइवेट कंपनियों के रजिस्ट्रेशन कि बात कही गई जिसे किसानों ने अस्वीकार कर दिया.
किसानों ने कहा - कानून रद्द होने तक हम आंदोलन तेज करेंगे.
किसानों ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि कानून रद्द होने तक हम आंदोलन तेज करेंगे. किसान बीजेपी के नेताओं का घेराव करेंगे. 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे. दिल्ली की सड़के जाम करेंगे.
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