बड़हरिया : प्रखंड के ज्ञानी मोड़ स्थित नहर पुल की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है. जिसके कारण संभवतः भविष्य में अवश्य ही कोई बड़ी अप्रिय घटना घट सकती है. इस पुल की इस जर्जरता का खबर कोई नया खबर नहीं है. यह लंबे अरसे से अपने बदहाल स्थिति का मार झेल रहा है. इस रास्ते से होकर आने-जाने वाले माननीय नेताओं और आदरणीय पदाधिकारियों को शायद यह पुल नज़र नहीं आता. लगता है महानुभावों के लिए ऐसे दीन-हीन परिस्थितियों को झेलना आम बात हो. तभी तो इस रास्ते से आते-जाते उन्हें इसकी दशा पर तरस नहीं आता.
बिहार सरकार दुहाई देती है कि राज्य में सुशासन की सरकार है. माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार का खूब विकास हुआ है लेकिन वास्तविकता तो धरातल पर ही मालूम पड़ती है. राज्य के अन्य क्षेत्रों का बात छोड़िए सिर्फ ज्ञानी मोड़ के इस पुल का ही बात करे तो इस पुल से गुजरने वाले सैकड़ों स्थानीय लोगों और बाहरी यात्रियों का शुभाशीष इस पुल से प्रतिदिन सरकार, जन प्रतिनिधियों और इस बात से बेखबर अधिकारियों को जाता है. लेकिन इस आवाज़ को भला सुनता कौन है ? ये तो छड़िक दुख के बाद मुख से निकला आह था जो कुछ पलों में ही सिमट कर रह जाएगा. अगर लोग लानत ही देते हैं तो क्या हो जाएगा? आखिर सबको थोड़े ही खुश किया जा सकता है और अभी जरूरी भी क्या है ? अभी एमपी, एमएलए का चुनाव थोड़े ही है. समय आएगा तो देखा जाएगा ढूंढ लिया जाएगा कोई बहाना जनता को फुसलाने के.
ऐसे तो महिला सशक्तिकरण की खूब बात होती है राज्य में, लेकिन भले ही गाड़ी पर बैठी कोई महिला या स्कूल जाती छात्रा इस पुल से गुजरते वक्त गिर जाए, उसका हाथ पैर टूट जाए. कोई बात नहीं. यह उसके साथ नाइंसाफी थोड़े ही है.
क्या पढ़ कर खराब लग रहा है ? क्या सोच रहे हैं ? आज व्हाट लगा दिया इस लेखक ने. मैं पूछता हूं फिर क्यों करते हैं ऐसे बेपरवाही ? क्यों नहीं ध्यान देते इन समस्यायों पर ? क्या कोई आपका हाथ बांध रखा है ? क्या आपकी मानवता खत्म हो गई है ?
अगर इन सभी प्रश्नों का जवाब मिल गया हो, तो जरूर सोचिएगा. किसी दिन परिवार सहित आप ही इस पुल पर किसी हादसे के शिकार हो गए तो ? नहीं ऐसा बिल्कुल न हो. भगवान आपके परिवार को लंबी उम्र दें . लेकिन ऐसा ही संकट इस सड़क से गुजरने वाले लोगों को लगा रहता है.
कृप्या इस लेख से आपको चोट पहुंचा हो तो माफ़ कीजियेगा. लेकिन फिर भी हम आपसे अपील करेंगे कि एक बार अब पूरे हृदय से इस समस्या का निदान जरूर ढूंढिएगा.
आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है माननीय नेता गण, वरीय अधिकारी गण सहित इस क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता इस बाबत जरूर अपनी कर्मठता का परिचय दिखाएंगे.
0 टिप्पणियाँ