बड़हरिया : प्रखंड के शिवधरहाता गांव के रहने वाले दो युवाओं ने क्षेत्र में डेयरी फार्म खोलकर बेरोजगार युवकों को पशुपालन के प्रति प्रेरित करने का काम किया है । अखिलेश सिंह और सचिंद्र मिश्रा नाम के इन दो युवाओं ने कोरोना में बेरोजगार बनकर बैठे रहने से अच्छा गो धन की सेवा कर कमाई करना उपयुक्त समझा । कोरोना रूपी वैश्विक आपदा में विदेश से लौटे इन युवाओं ने बेरोजगारी को अपने ऊपर हावी न होने दिया । जल्द ही दोनों ने मिलकर आपदा को अवसर में बदल दिया । बता दें कि काम में मंदी के कारण विदेश की नौकरी छोड़ अपने गांव में ही डेयरी फार्म खोल कर आज ये युवा हजारों रुपए की कमाई कर रहे हैं । अखिलेश सिंह सऊदी अरब के किसी कंपनी के मॉल में काम करते थे । वहीं दूसरी ओर सचिंद्र मिश्रा भी सऊदी अरब में ही पाइप फिटर का काम करते थे । लेकिन कोरोना महामारी से सऊदी अरब की कंपनियों के बंद पड़ जाने से इन दोनों व्यक्तियों का काम धंधा भी बंद पड़ गया । तभी इन दोनों व्यक्तियों ने सऊदी अरब को छोड़कर अपने घर वापस आकर पार्टनरशिप में ' गोकुल डेयरी फार्म ' के नाम से एक डेयरी फार्म खोलने का निश्चय किया और 9 गायें वाली एक छोटी सी डेयरी फार्म खोलकर न केवल दूध की बंपर पैदावार भी कर रहे हैं बल्कि मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं । साथ ही उनलोगों को आईना दिखा रहे हैं जो अक्सर रोजगार का रोना रो कर सिर्फ और सिर्फ सरकार को कोसते रहते हैं । अखिलेश सिंह के अनुसार गोकुल डेयरी फॉर्म में अभी तत्काल में 9 गाये हैं जो रोजाना 80 लीटर दूध देती हैं और इन दूधों को 45 रुपया प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जाता है । वहीं कुछ गाये गर्भधारण किए हुए अवस्था में है । जिससे कि अभी कुछ कम ही दूध का उत्पादन हो रहा है । गायों को चारा के रूप में भूसा, घास, चना, चोकर, मीठा आदि खिलाया जाता है । रोजाना का एक गाय को चारा खिलाने का खर्च 120 रुपया पड़ जाता है फिर भी महीने का 40,000 रुपए का इनकम हो जाता है । बातचीत के दौरान गौशाला मालिक अखिलेश सिंह ने बताया कि जिला गव्य विभाग द्वारा अभी तत्काल में किसी प्रकार का अनुदान नहीं मिला हुआ है । अगर आने वाले दिनों में अनुदान मिलता है तो हम अपने गोकुल डेरी फॉर्म को और विस्तृत करेंगे ।
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