Barharia : सुहागिनों ने अपने सुहाग के अमरत्व के लिए किया हरितालिका तीज व्रत


सुहागिनों ने अपने सुहाग के अमरत्व के लिए किया हरितालिका तीज व्रत
बड़हरिया (सिवान) : भाद्र पद माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को सुहागिनों द्वारा किया जाने वाला हरितालिका तीज व्रत अपने आप में अद्भुत सौंदर्य बटोरे हुए है । इस व्रत की खूबसूरती पति और पत्नी के मधुर रिश्ते को मजबूती प्रदान करती रही है । वर्तमान परिदृश्य में इस पावन व्रत पर्व का महत्व और अधिक बढ़ जाता है । जब छोटे-छोटे विवादों के कारण आपसी रिश्ते खराब हो जाते हैं और तलाक तक की नौबत आ जाती है । भारतीय सनातन संस्कृति की यह अनुपम उपहार भारतीय महिलाओं के सुसंस्कृति के महान सौंदर्य को स्पष्ट करती है । सुहागिन स्त्रियां इस दिन निर्जला उपवास रहकर अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं । पूजा अर्चना कर अपने सुहाग के अमरत्व के लिए याचना करती हैं । इस अवसर पर भगवान भोले शंकर और माता पार्वती की स्तुति की जाती है । सुहागिनें उपवास रखते हुए व्रत की कथा सुनती हैं । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने वाली सुहागिन स्त्रियों का सुहाग अमर रहता है । गुरुवार शाम इस पावन पर्व के अवसर पर सुहागिनों ने शिवालयों में जाकर माथा टेका । नैवेद्य अर्पित की ।  कथाएं सुनी । भगवद भक्ति कर अपने पति परमेश्वर का आशीर्वाद लिया । पर्व के दौरान सुहागिनों का अलौकिक सौंदर्य भारतीय संस्कृति का स्मरण करा रहा था । परिवार में बच्चे अपने माता-पिता के बीच स्नेह पूर्ण लगाव देखकर गदगद हो उठे । पति के प्रति पत्नी प्रेम अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक दिखा । पर्व का प्रभाव वर्तमान माहौल में अपने अतीत का याद दिलाता प्रतीत हुआ ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ