Barharia : बहनें मना रही भाई-बहन के प्‍यार को समर्पित रुद्रव्रत पीड़िया


बहनें मना रही भाई-बहन के प्‍यार को समर्पित रुद्रव्रत पीड़िया
बड़हरिया (सिवान) : वैसे तो भारत में हर रिश्तों पर आधारित एक त्योहार है । सभी त्योहारों का अपना विशेष स्थान और महत्त्व है । ऐसा ही एक त्योहार है रुद्रव्रत पीड़िया। प्रदेश सहित प्रखंड क्षेत्र में बहनें आज भाई-बहन के प्‍यार को समर्पित रुद्रव्रत पीड़िया व्रत मना रही हैं । नियमानुसार इसकी शुरुआत गोवर्धन पूजा के दिन से ही हो जाती है । गोवर्धन पूजा के गोबर से ही घर के दीवारों पर छोटे-छोटे पड़ों के आकार में लोक गीतों के माध्यम से पीड़िया लगायी जाती है । जिसके बाद सवां महीने तक चकवा चराते हुए लड़कियां अपने भाइयों का नाम लेकर गीत गाती हैं । उसके बाद पीड़िया के दिन सुबह में इसे अच्छे से सजाकर विसर्जन के लिए तालाब, पोखरा या नदी घाट पर ले जाया जाता है । जहां व्रती लड़कियां अपने भाइयों का नाम स्मरण कर गीत गाती हैं । साथ ही व्रती आपस में चिउड़ा और मिठाई का एक-दूसरे से आदान-प्रदान कर मेल-मिलाप करती हैं । तत्पश्चात पारण कर व्रत तोड़ती हैं । रविवार शाम व्रत के नियमानुसार उपवास रही व्रती कन्याओं ने नए चावल व गुड़ का रसियाव (गुड़ चावल का बिना दूध का खीर) बनाकर सोरहिया के साथ ग्रहण किया । ऐसा माना जाता है कि सोरहिया ग्रहण करते समय किसी द्वारा टोके जाने पर व्रती इसे ग्रहण नहीं करती है । मान्यता है कि धान की संख्‍या भाईयों की संख्‍या के अनुसार होनी चाहिए । यानि व्रत रखने वाली लड़की के जितने भाई होते हैं उसी संख्या के हिसाब से प्रति भाई 16 धान से चावल निकालकर वो सोरहिया निगलती हैं । आज सुबह बहनें पीड़िया विसर्जन करने नदी घाट पहुंची जहां माहौल पीड़िया गीतों से गूंज हो उठा ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ