Barharia :ओयस्टर मशरूम उत्पादन के लिए किसानों ने सीखें फसल अवशेष (भूसा) बनाने के तरकीब


ओयस्टर मशरूम उत्पादन के लिए किसानों ने सीखें फसल अवशेष (भूसा) बनाने के तरकीब

बड़हरिया (सिवान) : प्रखण्ड में आत्मा सिवान के सौजन्य से जयराम पाल जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा एवं कालिकांत चौधरी उप परियोजना निदेशक आत्मा सिवान के आदेशानुसार प्रभारी प्रखंड तकनीकी प्रबन्धक सतीश सिंह सहायक तकनीकी प्रबन्धक रविशंकर सिन्हा एवं दीपशिखा के देख-रेख में एवं कृषि समन्यवक रामजन्म गुप्ता के उपस्थिति में मशरूम उत्पादन रबी किसान पाठशाला का आयोजन बड़हरिया पंचायत के खानपुर गांव मे खानपुर महिला खाद्य सुरक्षा समूह में किया गया । यह पाठशाला छः सत्र में चलेगा । पहले सत्र में किसान पाठशाला का चयन, दूसरे सत्र में बीज और सामग्री उपलब्ध कराना, तीसरे सत्र में भूसे की तैयारी, चौथे सत्र में बीज मिलाकर पालिथिन में भरकर टांगना, पंचम सत्र में प्रथम तोडाई, छठे सत्र में किसान गोष्ठी और मशरूम का प्रोडक्ट बनाना । सोमवार को खानपुर महिला खाद्य सुरक्षा समूह के महिलाओं को प्रभारी प्रखंड तकनीकी प्रबन्धक सतीश सिंह, कृषि समन्यवक रामजन्म गुप्ता एवं उमेश कुमार सिंह एवं जिला स्तरीय मशरूम उत्पादन मास्टर ट्रेनर अमर कुमार सिंह अध्यक्ष किसान सहकारिता कृषक हित समूह गांव कनहर पंचायत भलुवाडा की उपस्थिति में फसल अवशेष (भूसे) की तैयारी और उसे उपचारित कराया गया । इसके लिए सर्वप्रथम प्लास्टीक का बर्तन और भूसा लिया गया । बड़ा बर्तन नहीं होने के कारण समूह की सभी महिलाएं अपने-अपने घर से बाल्टी और टब ले कर आयी । अब बर्तन में आधा पानी और 0.5 एमएल नुवान 75 मि.ग्राम बाबेस्टीन प्रति लीटर पानी मे डालकर उसमे भूसा डालकर दबा दिया गया और पालिथिन सीट से 12 घण्टे के लिऐ ढक कर रख दिया गया । दवा का प्रयोग भूसे को उपचारित करने के लिए किया जाता है क्योकि भूसे में हानिकारक सूक्ष्मजीवी फफूंदी और बैक्टिरिया होते हैं । 14 घण्टे बाद किसी प्लास्टिक या लोहे के जालीनुमा पर भूसे को निकाल कर 2 से 4 घण्टे के लिए रख दिया गया । जिससे उसमें का अतिरिक्त पानी निकल जाएगा । फिर फर्श पर पालिथिन बिछा कर कमरे में फैला दिया गया । प्रभारी प्रखंड तकनीकी प्रबन्धक सतीश सिंह ने बताया कि भूसे को उपचारित करने का दो विधि है । पहला दवा द्वारा । दूसरा उबालकर । इसके लिए एक बड़े एल्मुनियम के भगौने में पानी डालकर और भूसा डालकर उसे आग पर गर्म करके उपचारित किया जाता है । बाकी कार्य वैसे ही करना होता है । इस मौके पर अनिता देवी, लिलावती देवी, सरस्वती देवी, सुमन देवी, अन्जू देवी, राजमुनी देवी सहित समूह की समूह की अन्य महिलाएं उपस्थित थीं ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ